एक बुजुर्ग आदमी काफी मशक्कत के बाद
सालों पुरानी मुकदमा जीत जाता है…
बुजुर्ग की इस जीत के बाद उसे मुबारकबाद देने वालों की लाइन लग जाती है.
इस मुकदमे का चीफ जज भी बुजुर्ग आदमी को बधाई देते हुए बोलता है,
मुबारक हो बाबा, आख़िरकार आप मुकदमा जीत ही गए,
आपके इस अदम्य साहस को हमारा नमन है.
बुजुर्ग भी कहाँ पीछे रहने वाला था,
उसने भी जज को आशीर्वाद देते हुए बोला-
भगवान करे कि तुम्हारी तरक्की हो,
और तुम जज से दरोगा बन जाओ.
इतना सुनते ही जज के बगल में खड़ा वकील बोल पड़ा:-
अरे दादा, आपको इतना भी नहीं पता,
जज तो दरोगा से बहुत बड़े होते हैं.
बुजुर्ग:- लेकिन मेरी नजर में तो दरोगा ही जज से बहुत बड़ा होता है.
वकील:- वो कैसे???
बुजुर्ग:- वो ऐसे कि,
इस जज ने मुकदमा खतम करने में पुरे बारह साल लगा दिए,
जबकि दरोगा साहब तो शुरू में ही कह रहे थे कि,
5000/ रूपये दे दो,
दो दिन में सारा मामला निपटा दूंगा.
अब तुम ही बताओ,
दारोगा बड़ा या जज साहब???