एक बार एक दादा – दादी ने जवानी
के दिनों को याद करने का फैसला
किया।
…
अगले दिन दादा फूल ले कर वहीं
पहुंचा जहां वो जवानी में मिला करते
थे, वहां खड़े-खड़े दादा के पैरों में दर्द
हो गया लेकिन दादी नहीं आयी।
घर जा कर दादा गुस्से से, “आयी क्यों
नहीं?
दादी शर्माते हुए,” मम्मी ने आने नहीं
दिया”।