कंजूस बाप ने बेटे को एक नया चश्मा दिया, बेटा कुर्सी पर बैठ कर कुछ सोच रहा था…
कंजूस पिता ने आवाज लगाई- क्या पढ़ रहे हो?
बेटा- कुछ नहीं पिता जी
बाप- तो कुछ लिख रहे?
बेटा- जी नहीं पिताजी
बाप- (गुस्से से) तो फिर अपना चश्मा उतार क्यों नहीं देते?
फिजूलखर्ची की आदत पड़ गई है.