शराब का हमारी अर्थव्यवस्था में बडा महत्व है

शराब का हमारी अर्थव्यवस्था में बडा महत्व है
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शराब का हमारी अर्थव्यवस्था में बडा महत्व है,
क्योंकि शराबी एक मॉडल टैक्सपेयर होता है। किसी भी आइटम पर टैक्स लगाया जाये,


उसे देने वाला बवाल मचा देता है।
पैट्रोल पर एक डेढ़ रुपया बढ़ जाऐ, मार ड्रामा शुरु हो जाता है।


बीएमडब्ल्यु वाला भी हुड़की लगाकर चैनलों को बयान देने लगता है
कि हम मर गये, लुट गये, तबाह हो गये।


पर शराब का खरीदार अत्यँत शालीन होता है।

औसतन हर साल शराब के भाव 15-20 परसेंट तो बढ़ते ही है,
दिखा दे मुझे कोई कि कभी किसी शराबी ने चिक-चिक मचायी हो।


इतिहास में एक भी जुलूस ऐसा नहीं दर्ज है,

जिसमें शराब के खरीदारों ने डीएम को जुलूस निकालकर ज्ञापन दिया हो कि प्लीज दारु सस्ती कर दो।
ऐसे उद्विग्न समय में शराबी का सा संयम सराहनीय है, ये इतनी दुर्लभ क्वालिटि है


कि सिर्फ शराबियों में ही पायी जाती है। प्रदेश में शराब का कारोबार करीब 14,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर दिखा रहा है,


करीब 17,000 दुकानें हैं, सभी पर अनवरत लाईन लगी हुई है,
कई की जालीदार खिडकियाँ तो सुबह ब्रह्मकाल मे ही खडका दी जाती है।


इसलिऐ लोगो को अनुशासन, शालीनता और संयम का पाठ अगर लेना हो तो किसी शराबी से ले।

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