कवि ने फूलों से पूछा कि आपने ऐसा क्या पूण्य किया है
जो हार बनकर सजावट और सुंदरता के लिए सजते हो?
हार बने हुए फूलों ने नम्रतापूर्वक जवाब देते हुए कहा,
“गांड में सुई के घाव सहन किए हैं तब जाकर हार बने हैं, भोसड़ी के!”
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